चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन के कारण एक Electrical Conductor में Voltage या Electromotive force के उत्पादन होने की घटना को Electromagnetic Induction कहते हैं। 1830 के दशक में Michael Faraday द्वारा Electromagnetic induction की खोज की गई। Electromagnetic induction के सिद्धांत के आधार पर कई विद्युत उपकरण काम करते हैं।
Electromagnetic induction को दो तरीकों से उत्पन्न किया जा सकता है, पहला जब इलेक्ट्रिक कंडक्टर को चलती चुंबकीय क्षेत्र में रख कर किया जा सकता है और दूसरे तरीके में एक गतिमान इलेक्ट्रिक कंडक्टर को एक स्थिर चुंबकीय क्षेत्र में रख कर।। Electromagnetic induction की घटना पहली बार माइकल फैराडे द्वारा खोजी गई थी। जब उसने गतिमान इलेक्ट्रिक कंडक्टर को चुंबकीय क्षेत्र में रखा तब उन्होंने सर्किट के वोल्टेज में बदलाव देखा। उन्होंने बाद में उन Factors का अनुमान लगाया जैसे Coil की संख्या, चुंबक की ताकत, बदलते चुंबकीय क्षेत्र, Coil और चुंबक के बीच गति इत्यादि जो Electromagnetic induction को प्रभावित कर सकते हैं।
उत्पन होने वाला वोल्टेज coils की turns के proportional होता है। दूसरे शब्दो में कहें तो coils में जितनी ज्यादा turns होगी उतनी ही ज्यादा वोल्टेज उत्पन होगा। बदलते हुए चुंबकीय क्षेत्र भी वोल्टेज को प्रभावित करता है। Coil और चुंबक के बीच की गति भी Electromagnetic Induction को प्रभावित करती है। जितनी ज्यादा गति होगी उतनी ही ज्यादा वोल्टेज उत्पन होगा।
Electromagnetic Induction का समीकरण :
e = N × dΦdt
यहां पर
e = voltage induced (measured in volts) - उत्पन हुई वोल्टेज
t = time (measured in seconds)
N = number of turns in the coil
Φ = magnetic flux (measured in Webers)
No comments:
Post a Comment